थोपी हुई पोजिटिविटी (Toxic Positivity) !

त करते हैं। बहुत बड़े दुख से गुज़र रहे इंसान को अपने हिसाब से उससे उबरने का मौका दिया जाना चाहिए। ये उसकी आत्म शक्ति ही है की वो दुख झेल गया, या रहा है। तो सबसे अच्छा तरीका है की हम रेडियो से शुरवात करें जिसमें हम सिर्फ सुनें और धीरे धीरे पॉडकास्ट की तरफ चले जाएँ। जहां दिल खोल के बातचीत हो, किसी समय सीमा के बिना। ये कहना या लिख देना आसान हैं, मगर खुद को ऐसा बना पाना मुश्किल। लेकिन नामुमकिन तो बिलकुल नहीं।