सिफर से ही शुरुवात होती है !

सिफर से ही शुरुवात होती है !
कुछ भी यूँ ही नहीं होता, हर बात में कुछ तो बात होती है!

हो सूखी ज़मीन और बेबस फसलें,
बादलों के आने से, उम्मीद तो बनती है लेकिन..
किसान को सुकून तभी मिलता है, जब बरसात होती है!

हम अजीब हैं, ये सच कड़वा है बेशक..
वरना औरों के चेहरे की शिकन में..
अपने दिल में ख़ुशी पा जाना , ये भी कोई बात होती है?

माना आसान नहीं इंसान होना इन दिनों, लेकिन..
खुद को खुदा जान कर, खुदाई को बदनाम करने की गुस्ताखी..
बेहिसाब, बेसबब और सरेआम होती है!

गौर करने की बात इतनी सी है,
शिखर पे सफ़र का अंत होता है और ,
सिफर से फिर शुरुवात होती है !!

– गौरव (3/22/2015)

Few more..

Few more..

Kuch naya karte hain..
Beparwaah ho jaate hain..
Fir wahi karte hain.. 
Jo bachpan mein kiya karte the..
Befikri mein jeete hain..
Kehne do jo sab kehte hain..
Sochne do jo wo sochte hain…
Sapno mein jiya karte the..
Ab khwaabo mein udte hain..
Kuch naya karte hain..
Fir wahi karte hain..
Girne par hansaa karte the..
Ladkhadaate kadmo se daudte hain..
Nahi yaad kabhi pareshaan bhi hote the..
Naadaan ho jaate hain..
Hairaaniyon mein jeete hain..
Kuch naya karte hain..
Fir wahi karte hain..!! smile emoticon
– Gaurav (20/2/2015)

Bewajah hi khush hue jaate hain..
Khushi ka isse behtar sabab kahan..
Kuch pal pehle, khamosh rahi hogi..
Sang barsaat ke gungunaati, raat ab tanha kahaan..!! 
Gaurav (22/1/2015)

“She asked me, what kind of person you are?. 
I said,” I wish, I knew, Life is too short to know who you are” 
Gaurav (31/12/2014)

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