short story

ड्राफ्ट – एक कहानी

old written pages and a pen lying on a blank paper. हिंदी कहानी , hindi kahani - draft by gaurav sinha. www.gauravsinhawrites.in
Image Source – Getty

कुछ हुआ कहानी का? कितनी बार कह चूका हूँ, तुम्हारे बस का नहीं लेखक बनना । हर किसी के बस की बात नहीं होती, बहुत मेहनत, लगन, और साधना चाहिए । लगता नहीं पर मजदूरी करने से कम नहीं । मजदूरी में तो फिर भी शाम तक पांच सौ रूपये मिल जायेंगे एक दिन के, मगर लेखक का कुछ हिसाब किताब नहीं । पहले लिखो, फिर प्रकाशक खोजो, प्रकाशक को कुछ पसंद आ भी जाये तो क्या गारंटी है कि वो कुछ छापेंगे, और अगर कुछ छाप भी दिया तो कौन जाने पढने वालों को पसंद आये भी या नहीं । जाने कितने बड़े बड़े लेखक भूखों मरे हैं । अच्छी खासी नौकरी लग रही थी , आराम से सुबह दफ्तर जाओ और शाम तक टहलते हुए वापस, ऊपर से बढ़िया तनख्वाह । पर नहीं साहब को राइटर बनना है ।

एक साँस में रघु के पिता जो खुद एक रिटायर्ड शिक्षक थे, अपनी साड़ी भड़ास निकाल गए । तभी उसकी माँ गरमा गरम चाय का कप ले आई और उनके हांथों में रख दिया । हो गया आपका आज का लेक्चर ख़तम? अरे लिखने दो उसे, लेखन रचनात्मक काम है और उसमे समय लगता है । आपके गुस्सा होने से उसकी कहानी पूरी थोड़ी न हो जाएगी । जैसा कि हर घर में होता है माँ के तर्क के आगे पिता का गुस्सा छु मंतर हो जाता है, इस बार भी वही हुआ । चाय की चुस्की लेते हुए रघु के पिता जी बोले “चाय बहुत बढ़िया बनी है आज और क्यूंकि चाय कि तासीर ठंडी होती है मुझे अभी के लिए शांत होना ही पड़ेगा’ । लेकिन समझाओ अपने लाडले को प्रेम चंद बनना है तो उनके जैसे अनुशाशन और समर्पण का भाव लाये । उन्होंने कहा था कि लेखक जिस दिन लिख न ले उस दिन उसको खाना खाने का अधिकार नहीं । और ये रघु, इससे पहले कि वो फिर से गुस्सा होते । रघु की माँ ने कहा हाँ बिलकुल सही बात है आप जाइये दोस्तों से मिल आइये तब तक इस रघु कि क्लास मैं ले लेती हूँ ।

जिस दिन से रघु ने बैंक कि नौकरी ठुकराई थी और पिता को बताया कि उसका इरादा लेखन में ही करियर बनाने का है तब से बाप और बेटे में रोज़ नोंक झोंक चलती थी । गलती किसी की नहीं थी रघु को बचपन से ही कहानियां और कवितायेँ लिखने का शौक था, और उसके पिता ने भी उसको हमेशा प्रोस्त्साहन दिया था । मगर एक शिक्षक होने के नाते उन्हें दुनिया दारी का अनुभव था और वो नहीं चाहते थे कि उनका बेटा कोई ऐसा कदम उठाये जिससे उसको असफलता का मुहं देखना पड़े । इन दोनों के बीच के पुल का काम हमेशा से माँ करती आई थी, क्यूंकि वो अपने पति और बेटे दोनों को बहुत अच्छे से समझती थी । पिछले कुछ महीनों से रघु ने एक नावेल लिखना शुरू किया था पर वो कहानी को आगे नहीं बढ़ा पा रहा था । जिसकी सबसे बड़ी वजह रघु का आलस और लापरवाही थी । उसका ज्यादातर समय फ़ोन पर दोस्तों से गप्प करने या सोशल मीडिया पर विडियो देखने में चला जाता था । जब भी लिखने बैठता तो फ़ोन बज उठा और रघु फिर से लिखना छोड़ गप्प बजी में लग जाता । जब कभी भी उसकी माँ या पिता उससे पूछते तो कहता ड्राफ्ट पूरा हो गया है बस थोडा बहुत सुधार करना है ।

पिता के बाहर जाने के बाद माँ रघु के कमरे में गई और पूछा कहानी पूरी हुई तेरी ? रघु चिढ़ते हुए बोल पड़ा माँ आप भी पापा की तरह टोका टाकी मत करो और हाँ मत देना मुझे आज से खाना । पिता की प्रेम चंद वाली बात उसे चुभ गई थी ।

हम में से ज्यादातर लोग ज़िन्दगी में प्लानिंग या फिर ये कहो ड्राफ्ट बनाने में लगे रहते हैं । ये प्लानिंग और ड्राफ्ट किसी काम के नहीं जब तक उस प्लानिंग पर काम न हो, ड्राफ्ट पूरा होकर लोगों के हाथ में न जाये । ये जरुरी नहीं कि तुम्हारी कहानी अच्छी होगी और सबको पसंद आएगी, लेकिन तुम्हारे लिए सबसे जरुरी है उसको पूरा करना ।

माँ बोली देखो बेटा लेखन एक मुश्किल काम है और किसी भी काम की तरह इसमें भी अनुशाशन, संयम और लगन चाहिए । जब तुम छोटे थे तो सुबह स्कूल जाने का मन नहीं होता था फिर भी पिताजी अपने साथ ले जाते थे तुम्हे, और सुबह की तुम्हारी रोनी सूरत, शाम तक हंसती खेलती हो जाती थी । तुम खुद ही सोचो कि कहाँ सुधार कि जरुरत है । हम में से ज्यादातर लोग ज़िन्दगी में प्लानिंग या फिर ये कहो ड्राफ्ट बनाने में लगे रहते हैं । ये प्लानिंग और ड्राफ्ट किसी काम के नहीं जब तक उस प्लानिंग पर काम न हो, ड्राफ्ट पूरा होकर लोगों के हाथ में न जाये । ये जरुरी नहीं कि तुम्हारी कहानी अच्छी होगी और सबको पसंद आएगी, लेकिन तुम्हारे लिए सबसे जरुरी है उसको पूरा करना । बस आज से एक वादा करो खुद से जो कुछ भी शुरू करो ज़िन्दगी में, उसे पूरा करने में जी जान लगा दो । इतना कहकर माँ रसोई में चली गई , उन्होंने खाना कभी अधुरा नहीं बनाया था हमेशा पूरा पका हुआ स्वादिष्ट ही मिलता था । रघु को बात समझ में आ गई,  वो दौड़ता हुआ माँ के पास गया और गले लगाकर बोला, “माँ आज से ज़िन्दगी में कुछ भी ड्राफ्ट में नहीं रहेगा”।

ये भी पढ़िए –

Share
Scroll Up